History of Computer in Hindi | कम्प्यूटर का इतिहास और विकास

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History of Computer in Hindi (कम्प्यूटर का इतिहास)

Friends आज जो कम्प्यूटर हम देख रहे है वो एकाकक ही नही बन गया इसके पीछे एक लंबा इतिहास रहा है जो कई चरणों मे धीरे- धीरे करते हुए यहा तक पहुचा है। शुरू मे एक साधारण गणना यंत्र से विकसित करते करते आज का कम्प्यूटर बना जो गणना के साथ साथ लगभग सभी जरूरी चीजे जैसे कम्यूनिकेशन, ग्राफिक्स, फोटो एडिटिंग आदि। यदि बात करे इसके इतिहास की तो यह 3000-4000 साल पुराना है।

तो चलिए हम इसके इतिहास पर नजर डालते है।

Development of Computer (कम्प्यूटर का विकास)

कम्प्यूटर के विकास मे कम्प्यूटर के इतिहास ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैै जिसमे अलग-अलग वैज्ञानिकों ने अपना समय दिया और हर चरण मे हुई खोज मे कुछ न कुछ सुधार किया जिससे आज का कम्प्यूटर बना।

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अबेकस-

यह सबसे पुराना गणना यंत्र है इसका आविष्कार चीन के लोगो को माना जाता है जिसका इस्तेमाल केवल गिनती के लिए होता था। इसमे लकड़़ी का एक फ्रेम होता था जिसमे समांतर तारों मे मोती या मनके (बीड्स) पिरोये होते थे इन्हे ही गिनने के काम मे लाया जाता था। जापानी लोग इसे सारोबान कहते हैं।

 

abacus
  Abacus

 

मीनतारा-

इसे मेसोपोटामिया के लोग युज करते थे गणना के लिए।

नेपियर बोन्स यंत्र- 

1617 ई. मे स्काटलैंड के जान नेपियर ने Napier’s Bones नामक यंत्न बनाया जो जोड़, घटाव के साथ दशमलव की संखयाओं का गुणा भी कर सकता था। यह अबेकस तथा ईस्वी के बाद इस्तेमाल किया जाने वाला पहला गणना यंत्र था।

पास्कलाइन यंत्र-

1642 ई. मे फांसीसी वैज्ञानिक ब्लेज पास्कल ने पास्कलाइन यंत्र बनाया। यह पूरे विश्व का पहला था। जिसके द्वारा जोड़, घटाव किया जा सकती था। इसका दूसरा एडिंग मशीन था। यह पहला यांत्रिकी गणना यंत्र था।

लेबनीज चक्र-

1694 ई. मे जर्मन गणितज्ञ लेबनीज ने पास्कलाइन को और विकसित कर एक मशीन बनाई लेबनीज चक्र। यह जोड, घटाव, गुणा के साथ भाग भी कर सकती थआ। इसमे गियर और शाफ्ट लगा था जो भाप से चलता था।

चार्ल्स बैबेज Analytical Engine-

1801 ई. के पास अंग्रेज गणितज्ञ चार्ल्स बैवेज (Charles Babbage) ने डिफरेंस ईंजन बनाना शुरू किया और यह 1822 मे बनकर तैयार हुआ लेकिन असफल हो गया।
चार्ल्स बैवेज 1833 ई. मे पुन प्रयास किया और इसका विकसित रूप Analytical Engine बनाया तथा इसमे Process unit को लगाया। अब Coding (Programming) की जरूरत थी ताकि दिए गए निर्देशों को Process कर सके।

इसके लिए चार्ल्स बैवेज ने Ada Augusta से सहयोग लिया जो ब्रिटेन की महिला गणितज्ञ और प्रोग्रामर थी।
अतः Analytical Engine विश्व का पहला Programming Computer था जो दिए गए नर्देशों के अनुसार काम करता था।

Ada Augusta को सम्मान देने के लिए कम्प्यूटर की एक भाषा का नाम ही Ada Language रख दिया गया तथा Ada Augusta को विश्व की पहली महिला प्रोग्रामर का दर्जा दिया गया।
इस तरह यह Analytical Engine बन कर तैयार हुआ।

Analytical Engine प्रोग्रामिंग और प्रोसेस यूनिट के कारण इतना पापुलर हुआ कि इसे विश्व का पहला कंम्प्यूर नाम दिया गया गया तथा Charles Babbage को कम्प्यूटर का जनक कहा गया।

Tabulating Machine-

1890 ईं मे अमेरिका के वैज्ञानिक क Dr. Herman Hollerith ने Tabulating Machine बनाई जिसके साथा पंच कार्ड का आविष्कार कर इसमे इस्तेमाल किया।
इस Tabulating Machine को 1890 ईं. मे USA मे जनगणना करने के लिए काम मे लिया गया। इस मशीन की क्षमता के कारण 10 वर्ष मे होने वाली जनगणना 3 वर्ष मे ही पूरा कर लिया गया।

इससे उत्साहित होकर Herman Hollerith ने 1896 मे एक कंपनी बनायी तथा उसमे पंचकार्ड का निर्माण शुरू किया। इसलिए Herman Hollerith को पंचकार्ड का जनक कहा जाता है।
यह कंपनी 1924 मे IBM के नाम से जानी गयी। आज के दौर मे यह सबसे अधिक PC बनाने वाली Multinational Company है।

Differential Engine-

1930 मे वेन्युमर बुस ने Differential Engine बनाया जो आज के Analog Computer की तरह की काम करता था। मतलब आज के Analog Computer का Basic Comcept इसी पर आधारित था।

1939 मे अमेरिका की हावर्ड युनिवर्सिटी के कुछ छात्रो ने एक Concept दिया जिसके आधार पर IBM और Howard के शिक्षको ने मिलकर विश्व का प्रथम Electronic Mechanical Computer बनाया जो 1944 मे बनकर तैयार हुआ। इसका नाम मार्क – 1 रखा।

ENIAC कम्पूटर-

1941-1946 तक बनकर तैयार हुआ यह विश्व का पहला कम्प्यूटर था जो पूरी तरह से Electronic था। इसे पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी मे बनाया गया। इसमे प्रोग्राम को स्थायी रूप से समाहित किया गया तथा Vaccume Tube का इस्तेमाल हुआ। यह आकार मे एक पूरे कमरे के बराबर था।

इसके पश्चात भी खोज होता रहा और John Von Neumann ने 1945 मे Stored Program Concept (SPC)  दिया इसी पर आज के सभी कम्प्यूटर कार्य करते है। इस Concept के तहत सबसे पहले Input देना होगा then दी गयी इनपुट पर Process होगा और तब Output मिलेगा। मेमोरी मे डाटा और निर्देशों को स्टोर करने का विकास हुआ।

यह विकास इन्होने ही किया इस प्रकार John Von Neumann ने कम्प्यूटर का बेसिक स्ट्रक्चर विकसित किया।

SPC पर बना बना पहला कम्प्यूटर था EDSAC (Electronic Delay Storage Automatic Calculator)   

UNIAC कम्प्यूटर-

1953 मे UNIAC कम्प्यूटर बनाया गया य़ह प्रथम व्यावसायिक कम्प्यूटर था व्यापारिक कामो के लिए बेचने के लिए उतारा गया। इसे जान एकर्ट तथा जान मैकले ने बनाया। इन्होने ही पहला Digital Computer बनाया। 

UNIAC का फुल फाॅर्म है Universal Automatic Computer.

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