CNG Full Form: CNG का फुल फाॅर्म क्या है तथा संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी

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हेलो दोस्तों जैसा की हम सभी जानते है की वर्तमान स्थिति में पृथ्वी पर हो रहे जलवायु परिवर्तन व बढ़ती वैश्विक गर्मी का कारण हानिकारक गैसे होती है जो ओजोन मण्डल को हानि पंहुचाती है

जिसकी वजह से दिन प्रतिदिन नई नई बीमारियों का जन्म होता जा रहा है और पेड़ पौधे भी धीरे धीरे नष्ट होते जा रहे है प्रदूषण का मुख्य कारण डीजल व पेट्रोल से चलने वाले वाहन है।

वही अगर हम किसी गैस का नाम सुनते है तो हमारे दिमाग़ में केवल एक ही खयाल आता है की ये सिर्फ पर्यावरण के प्रदूषण का मुख्य कारण है लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है

आज के इस पोस्ट में हम आपको एक ऐसी गैस के बारे में बताएँगे जो की पर्यावरण के अनुकूल तो है ही और मितव्ययी भी है उस गैस का नाम है “CNG”. 

Cng” क्या होती है? cng full form क्या है? इसके क्या उपयोग है? कैसे इसका निर्माण होता है? इन सभी सवालों के जवाब हमने इस पोस्ट के माध्यम से दिए है

तो आप से अनुरोध है कि कृपया पोस्ट को शुरू से लेकर अंत तक पढ़े।

CNG full form: CNG का फुल फाॅर्म क्या है?

CNG Full Form in English: CNG की फुल फॉर्म होती है “Compressed Natural Gas

CNG Full Form in Hindi: अगर हिंदी में इसकी फुल फॉर्म की बात करे तो वो होगी “संपीडित प्राकृतिक गैस

इसकी संघटन का प्रमुख स्रोत “मीथेन गैस ” होती है इसके अंदर मीथेन की 70-90% मात्रा होती है।

यहाँ संपीडित का अर्थ होता है की “दबाया हुआ ” यानि की जब किसी निर्जीव व प्राकृतिक वस्तुओ को अधिक तामपान पर दबाया जाता है तो इस विधि को संपीडन कहते है प्राकृतिक वस्तुओ से मेरा तात्पर्य है पेड़-पौधे, चट्टाने इत्यादि।

“CNG” क्या होती है?

Cng का शाब्दिक अर्थ ये होता है की जब प्राकर्तिक गेसो को को अति उच्च तापमान तक दबाया जाता है तो इसके फलसवरूप ये एक तरल पदार्थ में परिवर्तित हो जाती है

ये प्रक्रिया बेलनाकार आकार के बड़े टैंको और कन्टेनरो में अपनाई जाती है जिसका मुख्य रूप से उपयोग वाहनों व अन्य कार्यों में किया जाता है

वैसे “cng” गैस का कोई रंग नहीं होता है लेकिन फिर भी इसे “ग्रीन गैस ” के नाम से जाना जाता है।

“Cng” गैस को एलपीजी गैस के वैकल्पिक तौर पर उपयोग में लिया जा सकता है।

“Cng” गैस को ग्रीन गैस कहने के पीछे का ये रीजन है की यह हानिकारक उत्सर्जन को कम करने के साथ साथ उच्च दक्षता भी प्रदान करती है।

“CNG” का निर्माण कैसे हुआ

“Cng” के आविष्कार की बात करें तो ये बता पाना बहुत मुश्किल है लेकिन कई न्यूज़ रिपोर्ट की बात करें तो इसका आविष्कार सन 1800 के शुरुआती दौर में सबसे पहले अमेरिका ने किया था

उसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध का आगाज हो गया और जैसे ही द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हुआ बहुत से देशो को cng के बारे में पता चला और इसके बाद इटली, जर्मनी और अन्य यूरोपियन देशो ने भी इसे प्राथमिकता प्रदान की है।

CNG Full Form: CNG के उपयोग

CNG full form जानने के बाद अब हम जानते है इसके उपयोग के बारे मे. “CNG” गैस की एक खास बात यह है की यह हवा से कम से कम 30-40% हल्की होती है और इसके साथ साथ पर्यावरण के अनुकूल होने की वजह से बहुत जगह उपयोग में लाई जाती है।

मुख्य रूप से “cng” का उपयोग बसों व ट्रको के ईंधन के रूप में किया जाता है आखिर “cng” का उपयोग वाहनों के लिए इतना आवश्यक क्यों हो गया है इसके बारे में हम आगे चर्चा करेंगे

इससे पहले इसके और भी उपयोग जान लेते है इसका उपयोग गाड़ी के इंजन के ईंधन के रूप में सिलेंडर में संचित करके किया जाता है।

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“CNG” गैस के मुख्य गुण क्या है

“Cng” गैस के कुछ गुण होते है जिससे हमें पता चलता है की इसका प्राकर्तिक रंग रूप क्या होता है तो चलिए एक एक करके देख लेते है

(1) यह गैस हवा से भी हल्की होती है यह लगभग हवा की 40% या उससे भी कम होती है।

(2) इसका कोई रंग नहीं होता है लेकिन इसे “Green gas” के नाम से जाना जाता है।

(3) इस गैस को उच्च तापमान तक दबाया जाता है चुकी इसका तापमान भी अधिक होता है।

(4) इस गैस का कोई भी स्वाद नहीं होता है ना ही इसकी कोई गंध होती है।

(5) इस गैस की हानिकारक गैस की उत्सर्जन क्षमता कम करने के साथ साथ प्रजवलन क्षमता अधिक होती है।

“CNG” गैस के लाभ

(1) सबसे बड़ी बात यह है की ये और ईंधन गेसो की तुलना में सस्ती होती है।

(2) प्रजवलन क्षमता भी सर्वाधिक होती है।

(3) यह पर्यावरण के लिए अनुकूल होती है इससे पर्यावरण को कोई भी हानि नहीं पहुँचती है।

(4) इसके निर्माण में भी कम खपत होती है और साथ ही साथ यह मितवयी होती है।

“CNG” गैस की कुछ हानियाँ

“Cng” गैस के वैसे बहुत ही कम हानियाँ होती है इसके मुख्य दो ही हानियाँ है

(1) “cng” गैस का इस्तेमाल करने वाली गाड़ियों में हम धूम्र पान नहीं कर सकते है क्योंकि ये उच्च प्रजवलन की होती है जिससे आग लगने का खतरा बढ़ जाता है।

(2) दूसरा इसकी हानि होने का कारण है कुछ वैज्ञानिक मानते है की इसके जलने के फलसवरूप कार्बन का उत्सर्जन होता है जो काफ़ी हानिकारक होता है।

“CNG” पेट्रोल और डीजल की तुलना में अधिक उपयोगी क्यों है

“Cng” की तुलना अगर पेट्रोल और डीजल से करें तो काफ़ी हद तक हमें फर्क नज़र आता है।

(1) यह पेट्रोल और डीजल की तुलना में पर्यावरण के लिए काफ़ी हद तक अनुकूल होती है।

(2) इसकी लागत पेट्रोल और डीजल की तुलना में बहुत ही कम होती है कुल मिलाकर यह मितवयी होती है।

(3) यह ना के बराबर हानिकारक गेसो का उत्सर्जन करता है।

“CNG” और “LPG” में क्या अंतर होता है

बहुत से लोगो को “cng” और “lpg” गैस का पता ही नहीं होता है वो इन दोनों को एक ही मानते है लेकिन इन दोनों में रात दिन का अंतरा होता है तो चलिए देखते है क्या अंतरा होता है?

(1) “cng” का मतलब सम्पीड़ित प्राकृतिक गैस होता है वही “lpg” का मतलब लिक्विड प्राकतिक गैस होता है।

(2) नाम से ही पता चलता है की “cng” को नेचुरल गैस में कम्प्रेस्ड करके बनाया जाता है वही “Lpg” को कई गेसो के मिश्रण दवारा तैयार किया जाता है।

(3) “CNG” का उपयोग वाहनों के लिए होता है वही “LPG” का उपयोग घरेलु कामकाज में खाने को पकाने वाले गैस के रूप में होता है।

(4) “CNG” सस्ता होता है वही बात करें एलपीजी की वो थोड़ा महंगा होता है।

(5) “CNG” कम प्रदूषण उत्पन्न करता है जबकि “LPG” ज्यादा प्रदूषण उत्पन्न करता है।

“CNG” का भविष्य क्या हो सकता है

वर्तमान समय की बात करें तो “Cng” का उपयोग इतना बढ़ रहा है की आने वाले समय में यह बहुत डिमांड में रहने वाला है

हम यह क्यों कह रहे है क्योंकि जहा पहले अमेरिका सबसे ज्यादा “cng” का निर्माण करता था अब वो बहुत पीछे रह चुका है

अब सबसे ज्यादा “cng” गैस का निर्माण रूस में होता है और हमारा भारत भी इस मामले में ज्यादा पीछे नहीं है भारत में भी बहुत से राज्य है जो “cng” का उच्च मात्रा में निर्माण कर रहे है

त्रिपुरा भारत का एक मात्र ऐसा राज्य है जो सर्वाधिक मात्रा में “cng” का निर्माण करता है और यहाँ 215 करोड़ की लागत से एक cng प्लांट भी तैयार किया गया है जहा बहुत अधिक मात्रा में इसे संयोजित किया जायेगा।

वर्तमान स्थिति में हमने देखा है कि भारत की राजधानी दिल्ली में भी मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल जी ने पेट्रोल की गाड़ी पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दी है वहा केवल “cng” गाड़ी ही उपयोग में ली जाती है.

अतः इन सभी से हमें ये पता चलता है की आने वाला समय “cng” के निर्माण कार्य को और अधिक बढ़ा सकता है।

“Cng” का भविष्य काफी हद तक प्रभावशाली होने वाला है अगर मीडिया रिपोर्ट की बात करे तो 2030 तक 70-80% तक इसकी खपत में वृद्धि हो सकती है और सभी देशो में इसकी खपत दिन प्रतिदिन शीर्ष पर होती जा रही है।

Conclusion

आज के पोस्ट मे हमने जाना CNG क्या होती है. CNG Full Form, cng long form क्या है तथा इससे संबंधित लगभग सभी महत्वपूर्ण जानकारी को हमने आपको देने का प्रयास किया है।

सभी जानकारी लेने के बाद हमें पता चलता है की “cng” गैस की मांग दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और हमें भी इसके बारे में अधिक से अधिक जागरूकता फैलानी चाहिए

ज्यादा से ज्यादा सरकार के साथ मिलकर इसके निर्माण कार्य में सहयोग करना चाहिए क्योंकि हमारे सहयोग से ही देश का विकास संभव हो पायेगा।

क्योंकि यह काम कोई एक व्यक्ति विशेष का तो है नहीं सभी मिलके करेंगे तो काम आसान होगा | हमारा मकसद इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी लोगो तक complete जानकारी साझा करनी है.

आशा करता हू कि मेरे द्वारा दी गई सम्पूर्ण जानकारी आपको अच्छे से समझ में आ गई होंगी।

“धन्यवाद “

 

FAQ: CNG से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q.1 संपीडित का अर्थ क्या है वास्तव में?

Ans. देखिये सम्पीडित का अर्थ होता है किसी को दबाना या उच्च तापमान देना |

Q.2 “CNG” के निर्माण में मुख्य मिश्रण क्या होता है?

Ans. “CNG” के निर्माण में मुख्य मिश्रण मीथेन होता है जिसकी 70-90% मात्रा मिश्रित होती है।

Q.3 “CNG” की वर्तमान समय में कीमत क्या है?

Ans. अगर हम दिल्ली की बात करें तो इसकी वर्तमान समय में कीमत 43.40 रुपया है प्रति लीटर के हिसाब से इसकी किम्मत हर राज्य में अलग अलग होती है।

Q.4 “CNG” पंप कैसे खोले?

Ans. आपकी जानकारी के लिए बता दू कि यदि आप cng पंप खोलना चाहते है तो आपके पास 2021 में सुनहरा मौका है सबसे पहले आपके पास जमीन होनी चाहिए वो भी सडक के नज़दीक हो फिर आप बहुत सी ऐसी कंपनी होती है जो आपके साथ पार्टनरशिप में cng पंप लगा देती है और आप अच्छी कमाई कर सकते है।

बहुत से लोगो का यह भी सवाल होता है की आखिर इन सब में कितना खर्चा होगा तो बता दू की इसमें आपके पास 60-70 लाख रुपया होना जरुरी है तभी आप यह काम कर सकते है।

इसके लिए आप डीलरशिप देने वाली कंपनी की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते है और हा आपको कम से कम 10वी पास होना जरुरी है।
आवेदन में आपको सभी जानकारियां नाम, नंबर, प्लांट लगवाने का एड्रेस देना होगा सभी जानकारी साझा करने के बाद डीलरशिप कम्पनिया आपके बताये हुए जगह का दौरा करेंगे और

अगर उन्हें लगता है की यह जगह उपयुक्त है तो वो आपको अनुमति दे देते है उसके बाद आप अपना काम स्टार्ट कर सकते है।

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